दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय

Deen Dayal Upadhyaya Gorakhpur University

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About Department

संस्कृत एवं प्राकृतभाषा विभाग दीनदयालउपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुरका एक गौरवपूर्णइतिहास है। इसविभाग की स्थापना1957 में हुई। यहविश्वविद्यालय का प्रथमविभाग है, इसकेसंस्थापक अध्यक्ष प्रो० वीरमणि प्रसाद उपाध्यायथे जो अपनीविलक्षण प्रशासनिक क्षमता एवंउत्कृष्ट योग्यता के कारणविश्वविद्यालयीय प्रशासनिक व्यवस्था मेंकुलसचिव, पुस्तकालयाध्यक्ष, वित्त अधिकारी, विभागाध्यक्षएवं संकायाध्यक्ष आदि अनेक पदोंपर एक साथदायित्व निर्वहन करते हुएविभाग को अग्रगण्यबना रखे थे। प्रो०उपाध्याय के साथही डॉ० द्विजेन्द्रनाथ शुक्ल, डॉ०सुधीरकुमार गुप्त, पं०विद्यानिवासमिश्र जी कीभी नियुक्ति सहायकप्रोफेसर के रूपमें विभाग में हुई। सर्वप्रथम स्नातकोत्तरकी कक्षा 7 छात्रों से प्रारम्भ हुईथी। क्रम सेछात्र संख्या बढ़तीगई और विभागीयआवश्यकता को दृष्टिमें रखकर पुनःडॉ०राजमणि पाण्डेय, पं० विश्वम्भरनाथतिवारी, पं० राजकिशोरमणि त्रिपाठी, डॉ०शिवशंकर अवस्थी की नियुक्तियांविभाग में हुईं।इसी क्रम मेंमहाराणा प्रताप डिग्री कॉलेजका विश्वविद्यालय मेंविलय होने केकारण डॉ०लक्ष्मी नारायणसिंह की तथासेण्ट एन्ड्रयूज़ पी०जी०कॉलेज में अध्यक्षके रूप मेंकार्यरत हेमचंद्र जोशी कीभी नियुक्तियां विभागमें हो गईं।उपर्युक्तइन आचार्यों मेंसे कुछ केअन्य विश्वविद्यालयों मेंजाने के कारणरिक्त पदों केसापेक्ष क्रमशः डॉ० करुणेशशुक्ल डॉ०रामअवध पाण्डेय,डॉ० उमेश चन्द्रपाण्डेय, डॉ० दशरथद्विवेदी एवं डॉ०रामव्यास पाण्डेय की नियुक्तियांविभाग में हुयी।विभाग में स्नातकोत्तरमें अध्ययन करनेवाले छात्रों कीसंख्या बढ़ने के कारण120 सीटों पर प्रवेशकी स्वीकृति प्राप्तहो गई, स्नातकोत्तरप्रथम वर्ष मेंदो वर्ग एवंस्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष में वेद, व्याकरण, दर्शन एवं साहित्य चार विशेष संवर्गों में शिक्षण कार्यसंपादित होते रहे।साथ ही पंजीकृतछात्र/छात्राओं द्वाराविद्वान् गुर्जनो के कुशलनिर्देशन में स्तरीयशोध कार्य भीप्रारम्भ हो गया।1977 में डॉ० रविनाथ मिश्र,डॉबी०के०सिंह एवं डॉ०असहाब अली कीनियुक्तियां रिक्त पदों परकी गयीं।


सन् 1980 में डॉ० कपिलदेव शुक्ल, 1983 में डॉ० बनारसी त्रिपाठीएवं 1986 में डॉ०श्रीधर मिश्र एवं डॉ०किरन श्रीवास्तवा कीनियुक्ति विभाग में कीगयी। लगभग 20 वर्षोंबाद 2006 में विभागमें अनेक रिक्तपदों में सेमात्र तीन पदोंके सापेक्ष डॉमधु सत्यदेव प्राध्यापिका,डॉ०छाया रानी उपाचार्यएवं प्रो०मुरलीमनोहर पाठककी आचार्य केरूप में नियुक्तियां हुयी। 2018 में विभाग में 8 असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्तियां हुई। प्रो० छायारानी 30 जून 2020 को सेवानिवृत हुईं। डॉ० मधु सत्यदेव 30 जून 2021 को सेवानिवृत हुईं। प्रोफेसर मुरलीमनोहर पाठक वर्तमान में श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृतविश्वविद्यालय नई दिल्लीमें कुलपति पदपर कार्यरत हैं। जून 2023 में डॉ० ज्ञानधर भारती की नियुक्ति सहा० आचार्य पद पर हुई । वर्तमान में संस्कृत विभाग की अध्यक्ष प्रो० कीर्ति पाण्डेय (अधिष्ठाता कला संकाय) हैं तथा कुल अधोलिखित नौ सहायक आचार्य कार्यरत हैं-


1-डॉ० लक्ष्मी मिश्रा


2-डॉ०देवेन्द्र पाल


3-डॉ० सूर्यकान्त त्रिपाठी


4- डॉ० कुलदीपक शुक्ल


5- डॉ० धर्मेन्द्र कुमार सिंह


6-डॉ०रंजन लता


7- डॉ० स्मिता द्विवेदी


8- डॉ० मृणालिनी


9- डॉ० ज्ञानधर भारती


ये सभी अपने अकादमिक योगदान से विभाग को आगे बढ़ा रहे हैं।