आजाद भारत में उत्तर प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय महायोगी गुरूश्री गोरखनाथ की तपस्थली गोरखपुर में स्थापित हुआ। यह सुज्ञात तथ्य है कि महायोगी गोरखनाथ के नाम पर ही इस नगर का नाम गोरखपुर पड़ा। गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर नाम से विश्वविद्यालय की स्थापना हुयी। आज यह विश्वविद्यालय प्रसिद्ध राजनीतिक चिंतक, एकात्म मानववाद के प्रणेता पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी के नाम पर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के नाम से प्रतिष्ठित है।
भारत को आजादी मिलने के समय तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारत केन्द्रित उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थापना की पृष्ठभूमि तैयार हो चुकी थी। 1916 ई. मे महामना मदनमोहन मालवीय जी द्वारा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना ब्रिटिश शिक्षापद्धति के समानान्तर भारतीय संस्कृति एवं भारतीय समाज के अनुरूप उच्च शिक्षा पद्धति के विकास का एक महत्त्वपूर्ण प्रयत्न था। इसी प्रकार भारतीय सांस्कृतिक दृष्टि से विकसित होने वाली शिक्षा व्यवस्था की नींव तत्कालीन गोरक्षपीठधीश्वर महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज ने 1932 ई. में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् के रूप में डाली।
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